एक गीत1.दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!हो जाए न पथ में रात कहीं,मंजिल भी तो है दूर नहीं-यह सोच थका दिन का पथी भी जल्दी-जल्दी चलता है!दिन जल्दी-जल्दी ढलता हैं!शब्दार्थ-ढलता-समाप्त होता। पथ-रास्ता। मंजिल-लक्ष्य। यथ-यात्री।
प्रसंग-
प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आरोह, भाग-2’ में संकलित 'एक गीत' (दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!) से उद्धृत है। इस कविता में श्री हरिवंशराय बच्चन हैं। इस कविता में वे समय से लक्ष्य-प्राप्ति का महत्व तथा प्रेम की व्याकुलता का वर्णन करते हैं।
व्याख्या-
कवि जीवन की व्याख्या करता है। वह कहता है कि शाम होते देखकर यात्री तेज़ी से चलता है कि कहीं रास्ते में रात न हो जाए। उसकी मंज़िल समीप ही होती है इस कारण वह थकान होने के बावजूद भी जल्दी-जल्दी चलता है। लक्ष्य-प्राप्ति के लिए उसे दिन जल्दी ढलता प्रतीत होता है। रात होने पर पथिक को अपनी यात्रा बीच में ही समाप्त करनी पड़ेगी, इसलिए थकित शरीर में भी उसका उल्लसित, तरंगित और आशान्वित मन उसके पैरों की गति कम नहीं होने देता।विशेष-कवि ने जीवन की क्षणभंगुरता व प्रेम की व्यग्रता को व्यक्त किया है।‘जल्दी-जल्दी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।पथ शब्द से रूपक अलंकार का आभास होता है।भाषा सरल, सहज और भावानुकूल है, जिसमें खड़ी बोली का प्रयोग है।जीवन को बिंब के रूप में व्यक्त किया है।वियोग श्रृंगार रस की अनुभूति है।
प्रश्न(क) ‘हो जाए न पथ में’- यहाँ किस पथ की ओर कवि ने संकेत किया हैं?(ख) पथिक के मन में क्या आशंका हैं?(ग) पथिक के तेज़ चलने का क्या कारण हैं?(घ) कवि दिन के बारे में क्या बताता हैं?उत्तर –(क) ‘हो जाए न पथ में”-के माध्यम से कवि अपने जीवन रूपी पथ की ओर संकेत कर रहा है, जिस पर वह अकेले चल रहा है।(ख) पथिक के मन में यह आशंका है कि कहीं लक्ष्य पर पहुँचने से पहले रात न हो जाए यानी उसके जीवन काअंत न हो जाए।(ग) पथिक तेज़ इसलिए चलता है क्योंकि शाम होने वाली है। उसे अपना लक्ष्य समीप नज़र आता है। रात न हो जाए, इसलिए वह जल्दी चलकर समय से अपनी मंज़िल तक पहुँचना चाहता है।(घ) कवि कहता है कि दिन जल्दी-जल्दी ढलता है। दूसरे शब्दों में, समय परिवर्तनशील है। वह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता ।2.बच्चे प्रत्याशा में होंगे,नीड़ों से झाँक रहे होंगे-यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चंचलता है !दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !शब्दार्थ-प्रत्याशा-आशा। नीड़-घोंसला। पर-पंख। चंचलता-अस्थिरता,उत्साह।
प्रसंग-
प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आरोह, भाग-2’ में संकलित गीत ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!’ से उद्धृत है। इस गीत के रचयिता हरिवंश राय बच्चन हैं। इस गीत में कवि ने प्रेम की व्याकुलता का वर्णन किया है।व्याख्या-
कवि प्रकृति के माध्यम से उदाहरण देता है कि चिड़ियाँ भी दिन ढलने पर चंचल हो उठती हैं। वे शीघ्रातिशीघ्र अपने घोंसलों में पहुँचना चाहती हैं। उन्हें ध्यान आता है कि उनके बच्चे भोजन,सुरक्षा और प्रेम आदि की आशा में घोंसलों से बाहर झाँक रहे होंगे। यह ध्यान आते ही उनके पंखों में तेजी आ जाती है और वे जल्दी-जल्दी अपने घोंसलों में पहुँच जाना चाहती हैं।विशेष-उक्त काव्यांश में कवि कह रहा है कि वात्सल्य भाव की व्यग्रता सभी प्राणियों में पाई जाती है।पक्षियों के बच्चों द्वारा घोंसलों से झाँका जाना गति एवं दृश्य बिंब उपस्थित करता है।तत्सम शब्दावली की प्रमुखता है।वात्सल्य भाव है,शृंगार रस है ।‘जल्दी-जल्दी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।सरल, सहज और भावानुकूल खड़ी बोली में सार्थक अभिव्यक्ति है।
प्रश्न(क) बच्चे किसका इंतजार कर रहे होंगे तथा क्यों?(ख) चिड़ियों के घोंसलों में किस दूश्य की कल्पना की गई हैं?(ग) चिड़ियों के परों में चंचलता आने का क्या कारण हैं?(घ) इस आशा से किस मानव-सत्य को दशाया गया है?उत्तर –(क) बच्चे अपने माता-पिता के आने का इंतज़ार कर रहे होंगे क्योंकि चिड़िया (माँ) के पहुँचने पर ही उनके भोजन,स्नेह और सुरक्षा इत्यादि की पूर्ति होगी और मां उन्हें स्नेह और सुरक्षा देगी।(ख) कवि चिड़ियों के घोंसलों में उस दृश्य की कल्पना करता है जब बच्चे माँ-बाप की प्रतीक्षा में अपने घरों से झाँकने लगते हैं।(ग) चिड़ियों के परों में चंचलता इसलिए आ जाती है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की चिंता में बेचैनी हो जाती है। वे अपने बच्चों को भोजन, स्नेह व सुरक्षा देना चाहती हैं।(घ) इस अंश से कवि माँ के वात्सल्य भाव का सजीव वर्णन कर रहा है। वात्सल्य प्रेम के कारण मातृमन आशंका से भर उठता है3.मुझसे मिलने को कौन विकल?मैं होऊँ किसके हित चंचला?यह प्रश्न शिथिल करता पद को, भरता उर में विहवलता हैं!दिन जल्दी-जल्दी ढलता है!शब्दार्थ-विकल-व्याकुल। हित-लिए, वास्ते। चंचल-क्रियाशील। शिथिल-ढीला। यद-पैर। उर-हृदय। विह्वलता-बेचैनी, भाव आतुरता।प्रसंग-
प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘आरोह, भाग-2’ में संकलित गीत ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ से उद्धृत है। इस गीत के रचयिता हरिवंश राय बच्चन हैं। इस गीत में कवि ने एकाकी जीवन की कुंठा तथा प्रेम की व्याकुलता का वर्णन किया है।व्याख्या-
कवि कहता है कि इस संसार में वह अकेला है। इस कारण उससे मिलने के लिए कोई व्याकुल नहीं होता, उसकी उत्कंठा से प्रतीक्षा नहीं करता, वह भला किसके लिए तेज़ी से घर जाए? कवि के मन में प्रेम-तरंग जगने का कोई कारण नहीं है। कवि के मन में यह प्रश्न आने पर उसके पैर शिथिल हो जाते हैं। उसके हृदय में यह व्याकुलता भर जाती है कि दिन ढलते ही रात हो जाएगी। रात में एकाकीपन और उसकी प्रिया की वियोग-वेदना उसे अशांत कर देगी। इससे उसका हृदय पीड़ा से बेचैन हो उठता है।विशेष-एकाकी जीवन बिताने वाले व्यक्ति की मनोदशा का वास्तविक चित्रण किया गया है।सरल, सहज और भावानुकूल खड़ी बोली का प्रयोग है।‘मुझसे मिलने’ में अनुप्रास अलंकार तथा ‘मैं होऊँ किसके हित चंचल?’ में प्रश्नालंकार है।‘जल्दी-जल्दी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।तत्सम-प्रधान शब्दावली है जिसमें अभिव्यक्ति की सरलता है।प्रश्न(क) कवि के मन में कौन-से प्रश्न उठते हैं?(ख) कवि की व्याकुलता का क्या कारण हैं?(ग) कवि के कदम शिथिल क्यों हो जाते हैं?(घ) ‘मैं होऊँ किसके हित चंचल?’ का भाव स्पष्ट कीजिएउत्तर –(क) कवि के मन में निम्नलिखित प्रश्न उठते हैं-(i) उससे मिलने के लिए कौन उत्कंठित होकर प्रतीक्षा कर रहा है?(ii) वह किसके लिए चंचल होकर कदम बढ़ाए?(ख) कवि के हृदय में व्याकुलता है क्योंकि वह अकेला है। प्रिया के वियोग की वेदना इस व्याकुलता को प्रगाढ़ कर देती है। इस कारण उसके मन में अनेक प्रश्न उठते हैं।(ग) कवि अकेला है। उसका इंतजार करने वाला कोई नहीं है। इस कारण कवि के मन में भी उत्साह नहीं है, इसलिए उसके कदम शिथिल हो जाते हैं।(घ) ‘मैं होऊँ किसके हित चंचल’ का आशय यह है कि कवि अपनी पत्नी से दूर होकर एकाकी जीवन बिता रहा है। उसकी प्रतीक्षा करने वाला कोई नहीं है, इसलिए वह किसके लिए बेचैन होकर घर जाने की चंचलता दिखाए।लिखने के लिए प्रश्न
वस्तुपरक-
एक गीत/ दिन जल्दी जल्दी ढलता है MCQ
प्रश्न 1. ‘एक
गीत’ कविता में कवि ने समय को कैसा माना है?
(क) स्थिर
(ख) परिवर्तनशील
(ग) तीव्र
(घ) उग्र
प्रश्न 2. “दिन
जल्दी-जल्दी ढलता है’ कविता में कवि हताश और दुखी क्यों है?
(क) पत्नी से तलाक होने के कारण
(ख) प्रियतमा की निष्ठुरता के कारण
(ग) संतान सुख से वंचित होने के कारण
(घ) परिवार से बिछुड़ने के कारण
प्रश्न 3. कवि
के हृदय में कैसे भाव भरे हुए हैं?
(क) प्रसन्नता
(ख) उत्साह
(ग) विह्वलता
(घ) घृणा
प्रश्न 4. दिन
ढलने के साथ ही बच्चे कहाँ से झाँकने लगे होंगे?
(क) खिड़की से
(ख) छत से
(ग) दरवाज़े से
(घ) नीड़ों से
प्रश्न 5. शीघ्र
अपने बच्चों के पास पहुँचने की इच्छा चिड़िया की किस क्रिया से प्रकट होती है?
(क)चहचहाने से
(ख) तेज़ उड़ने से
(ग) पीड़ा में तड़पने से
(घ) जल्दी-जल्दी दाना चुगने से
प्रश्न 6. दिन
जल्दी-जल्दी ढलता है। गीत में नीड़ों से झांक रहे बच्चों का ध्यान चिड़ियों के
परों में क्या भरता है?
(क) शिथिलता
(ख) विकलता
(ग) चंचलता
(घ) विह्वलता
प्रश्न 7. मुझसे
मिलने को कौन विकल? ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ गीत का यह
प्रश्न उर में क्या भरता है?
(क) शिथिलता
(ख) चंचलता
(ग) विह्वलता
(घ) आश्चर्य
प्रश्न 8.हरिवंश राय बच्चन का जन्म कब हुआ ?
(क) 1921
(ख)
1920
(ग) 1901
(घ) 1907
प्रश्न 9.दिन ढलने के साथ बच्चे कहाँ से झाँकने लगे होंगे ?
(क) खिड़की से
(ख)
छत से
(ग) घरों से
(घ) नीड़ों से
प्रश्न 10.हरिवंश राय बच्चन का जन्म कहाँ हुआ ?
(क) दिल्ली
(ख)
कानपुर
(ग) जोधपुर
(घ) इलाहाबाद
प्रश्न 11.हरिवंश राय बच्चन किस वाद के प्रवर्तक माने जाते हैं ?
(क) समाजवाद
(ख)
पूंजीवाद
(ग) प्रयोगवाद
(घ) हालावाद
प्रश्न 12.किसके बच्चे प्रत्याशा में होंगे ?
(क) कवि के
(ख)
गाय के
(ग) चिड़िया के
(घ) शेर के
प्रश्न 13.किसका ध्यान करके चिड़ियाँ के परों में चंचलता आ जाती है ?
(क) कौवे का
(ख)
बाज का
(ग) अपने बच्चों का
(घ) पड़ोसी का
प्रश्न 14.दिन जल्दी जल्दी ढलता है - कविता हरिवंश राय बच्चन के
किस काव्य संग्रह से ली गई है ?
(क) मधुशाला
(ख)
मधुबाला
(ग) आत्मपरिचय
(घ) निशा निमंत्रण
प्रश्न 15.हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कब हुई ?
(क) 2001
(ख)
2002
(ग) 1983
(घ) 2003
प्रश्न 16.हरिवंश राय बच्चन की मृत्यु कहाँ पर हुई ?
(क) राजस्थान
(ख)
गुजरात
(ग) केरल
(घ) मुंबई
प्रश्न 17.
हरिवंश राय बच्चन किस मंत्रालय में हिंदी विशेषज्ञ थे ?
(क) सूचना मंत्रालय
(ख)
गृह मंत्रालय
(ग) रक्षा मंत्रालय
(घ) विदेश मंत्रालय
प्रश्न 18.हरिवंश राय बच्चन जी की प्रमुख रचनाएं कौन सी हैं ?
(क) मधुशाला
(ख)
निशा निमंत्रण
(ग) क्या भूलूं क्या याद करूं
(घ) उपरोक्त सभी
प्रश्न19.
‘हो ना जाए पथ में रात कहीं’ सोच कर जल्दी जल्दी कौन चलता है ?
(क) बाज
(ख)
कवि
(ग) चिड़िया
(घ) पंथी
प्रश्न 20.बच्चों की याद आते ही चिड़िया क्या करती है ?
(क) रोती है
(ख)
सोती है
(ग) तेज़ी से उड़ती है
(घ) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 21.दिन जल्दी-जल्दी ढलता है में कौन सा अलंकार है ?
(क) यमक
(ख)
पुनरुक्ति प्रकाश
(ग) अनुप्रास
(घ) उपमा
प्रश्न 22.पथ में होने वाली रात की आशंका से कौन भयभीत रहता है ?
(क) थका पंथी
(ख)
शेर
(ग) बाज़
(घ) सांप
प्रश्न 23.
दिन जल्दी जल्दी ढलता है गीत किस कवि का है ?
(क) दिनकर
(ख)
निराला
(ग) हरिवंश राय बच्चन
(घ) सुमित्रानंदन
पन्त
प्रश्न 24.
नीड़ का अर्थ है ____________
(क) पहाड़
(ख)
घोंसला
(ग) पथ
(घ) नदी
पाठ्य पुस्तक के प्रश्न1.दिन जल्दी-जल्दी ढलता हैं!हो जाए न पथ में रात कहीं,मंजिल भी तो है दूर नहीं-यह सोच थका दिन का पथ भी जल्दी-जल्दी चलता हैं!दिन जल्दी-जल्दी ढलता है !बच्चे प्रत्याशा में होंगे,नीड़ों से झाँक रहे होंगे-यह ध्यान परों में चिड़ियों के भरता कितनी चचलता है!दिन जल्दी-जल्दी ढलता हैं!प्रश्न(क) काव्यांश की भाषागत दो विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।(ख) भाव-सौंदर्य स्पष्ट कीजिए :बच्चे प्रत्याशा में होंगे,नीड़ों से झाँक रहे होंगे।(ग) ‘पथ”, ‘मंजिल’ और ‘ रात ‘ शब्द किसके प्रतीक हैं?उत्तर –(क) इस काव्यांश की भाषा सरल, संगीतमयी व प्रवाहमयी है। इसमें दृश्य बिंब है।’जल्दी-जल्दी’ में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।(ख) इन पंक्तियों में पक्षियों के वात्सल्य भाव को दर्शाया गया है। बच्चे माँ-बाप के आने की प्रतीक्षा में घोंसलों से झाँकने लगते हैं। वे माँ की ममता के लिए व्यग्र हैं।(ग) ‘पथ’, ‘मंजिल’ और ‘रात’ क्रमश: ‘मानव-जीवन के संघर्ष’, ‘परमात्मा से मिलने की जगह’ तथा ‘मृत्यु’ के प्रतीक हैं।
प्रश्न 2:बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे?उत्तर –पक्षी दिन भर भोजन की तलाश में भटकते फिरते हैं। उनके बच्चे घोंसलों में माता-पिता की राह देखते रहते हैं कि मातापिता उनके लिए दाना लाएँगे और उनका पेट भरेंगे। साथ-साथ वे माँ-बाप के स्नेहिल स्पर्श पाने के लिए प्रतीक्षा करते हैं। छोटे बच्चों को माता-पिता का स्पर्श व उनकी गोद में बैठना, उनका प्रेम-प्रदर्शन भी असीम आनंद देता है। इन सबकी पूर्ति के लिए वे नीड़ों से झाँकते हैं।प्रश्न 3:दिन जल्दी-जल्दी ढलता है- की आवृत्ति से कविता की किस विशेषता का पता चलता हैं?उत्तर –‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’-की आवृत्ति से यह प्रकट चलता है कि
1.लक्ष्य की तरफ बढ़ते मनुष्य को समय बीतने का पता नहीं चलता।
2 पथिक लक्ष्य तक पहुँचने के लिए आतुर होता है।
3इस पंक्ति की आवृत्ति समय के निरंतर चलायमान प्रवृत्ति को भी बताती है। समय किसी की प्रतीक्षा नहीं करता। अत: समय के साथ स्वयं को समायोजित करना प्राणियों के लिए आवश्यक है।
4. ‘दिन जल्दी-जल्दी ढलता है’ इस गीत की टेक है। इस पंक्ति की आवृत्ति से गीत मेें सुंदरता आई है और इसका सार और स्पष्ट हुआ है ।
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