पत्रकारिता के विविध आयाम
प्रश्न 1.निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए –
(क) पूर्णकालिक पत्रकार
(ख) अंशकालिक पत्रकार
(ग) फ्रीलांसर यानी स्वतंत्र पत्रकार
उत्तर :(क)
पूर्णकालिक पत्रकार-पूर्णकालिक पत्रकार किसी समाचार संगठन में काम करने वाला
नियमित वेतन भोगी कर्मचारी होता है। उसको समय-समय पर मिलने वाली वेतन संबंधी सभी
सुविधाएँ दी जाती हैं।
(ख) अंशकालिक पत्रकार-अंशकालिक पत्रकार को पूर्णकालिक
पत्रकार की तरह सभी सुविधाएँ नहीं मिलतीं। अंशकालिक पत्रकार किसी समाचार संगठन के
लिए एक निश्चित मानदेय पर काम करने वाला पत्रकार होता है। वह अपने काम के हिसाब से
एक निश्चित राशि प्राप्त करता है।
(ग) फ्रीलांसर यानी स्वतंत्र पत्रकार-फ्रीलांसर या स्वतंत्र
पत्रकार का संबंध किसी एक खास अखबार से नहीं होता है। वह भुगतान के आधार पर
अलग-अलग अखबारों के लिए एक ही समय में लिखता है। उसका किसी एक अखबार के साथ अनुबंध
न होकर स्वतंत्र रूप से लेखन कार्य करता है।
प्रश्न2.निम्नलिखित पर टिप्पणी कीजिए-(क) संपादकीय (ख) फोटो
पत्रकारिता (ग) कार्टून कोना (घ) रेखांकन और कार्टोग्राफ
उत्तर :(क) संपादकीय – संपादकीय पृष्ठ को
समाचारपत्र का सबसे महत्चपूर्ण पृष्ठ माना जाता है। इस पृष्ठ पर अखबार विभिन्न
घटनाओं और समाचारों पर अपनी राय रखता है। इसे संपादकीय कहा जाता है। इसके अतिरिक्त
विषयों के विशेषज़ महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर अपने विचार लेख के रूप में प्रस्तुत
करते हैं। आमतौर पर संपादक के नाम पत्र भी इसी पृष्ठ पर प्रकाशित किए जाते हैं। वह
घटनाओं पर आम लोगों पर आम लोगों की टिप्पणी होती है। समाचारपत्र उसे महत्वपूर्ण
मानते हैं।
(ख) फोटो पत्रकारिता – फोटो पत्रकारिता ने उपाई की टेक्नॉलोजी विकसित होने
के साथ ही समाचारपत्रों में अहम स्थान बना लिया है। कहा जाता है कि जो बात हज़ार
शब्दों में लिखकर नहीं कही जा सकती, वह एक तस्वीर कह देती
है। फोटो टिप्पणियों का असर व्यापक और सीधा होता है। टेलीविजन की बढ़ती लोकप्रियता
के बाद समाचारपत्रों और पत्रिकाओं में तस्वीरों के प्रकाशन पर जोर और बढ़ा है।
(ग) कार्टून कोना – कार्टून कोना लगभग हर समाचारपत्र में होता है और उनके
माध्यम से की गई सटीक टिप्पणियाँ पाठक को छूती हैं। एक तरह से कार्टून पहले पन्ने
पर प्रकाशित होने वाले हस्ताक्षरित संपादकीय हैं। इनकी चुटीली टिप्पणियाँ कई बार
कड़े और धारदार संपादकीय से भी अधिक प्रभावी होती हैं।
(घ) रेखांकन और कार्टोग्राफ – रेखांकन और कार्टोग्राफ़ समाचारों को न केवल
रोचक बनाते हैं बल्कि उन पर टिप्पणी भी करते हैं। क्रिकेट के स्कोर से लेकर
सेंसेक्स के आँकड़ों तक–ग्राफ से पूरी बात एक नज़र में सामने आ जाती है।
कार्टोग्राफ का उपयोग समाचारपत्रों के अलावा टेलीविजन में भी होता है।
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