Tuesday 6 September 2022

पत्रकारिता और जनसंचार माध्यमों के लिए लेखन

 पत्रकारिता और जनसंचार माध्यमों के लिए लेखन

शरदकालीन अवकाश हेतु गृहकार्य 

प्रश्न 1:

 

समाचार-पत्र-पत्रिकाओं में विशेष लेखन किन विषयों पर किया जाता है?

 

उत्तर –

 

समाचार-पत्र-पत्रिकाओं में विशेष लेखन खेलअर्थ-व्यापारसिनेमा या मनोरंजन आदि विषयों पर किया जाता है।

 

 

 

प्रश्न 2:

 

विशेष लेखन क्यों किया जाता है?

 

उत्तर –

 

विशेष लेखन इसलिए किया जाता हैक्योंकि

 

 

 

इससे समाचार-पत्रों में विविधता आती है और उनका कलेवर बढ़ता है।

 

पाठकों की व्यापक रुचियों को ध्यान में रखते हुए उनकी जिज्ञासा शांत करते हुए मनोरंजन करने के लिए विशेष लेखन किया जाता है।

 

प्रश्न 3:

 

विशेष संवाददाता किन्हें कहते हैं?

 

उत्तर –

 

जिन रिपोर्टरों द्वारा विशेषीकृत रिपोर्टिग की जाती हैउन्हें विशेष संवाददाता कहते हैं।

 

 

 

प्रश्न 4:

 

फ्री-लांस पत्रकार किन्हें कहते हैं?

 

उत्तर –

 

एक निश्चित भुगतान लेकर अलग-अलग समाचार-पत्र-पत्रिकाओं के लिए समाचार-लेखन करने वाले पत्रकारों को फ्री-लांस पत्रकार कहते हैं।

 

 

 

प्रश्न 5:

 

क्रिकेट की कमेंट्री करने वाले दो प्रसिदध व्यक्तियों के नाम लिखिए।

 

उत्तर –

 

 

 

नरोत्तम पुरी

 

जसदेव सिंह

 

हर्ष भोगले

 

प्रश्न 6:

 

कारोबार एवं व्यापार क्षेत्र से जुड़ी पाँच शब्दावली लिखिए।

 

उत्तर –

 

 

 

मुद्रा-स्फीति

 

तेजड़िए

 

बिकवाली

 

निवेशक

 

व्यापार घाटा

 

प्रश्न 7:

 

विशेष लेखन के किन्हीं पाँच क्षेत्रों का उल्लेख कीजिए।

 

उत्तर –

 

खेल

 

अर्थ-व्यापार

 

विज्ञान प्रौद्योगिकी

 

कृषि

 

पर्यावरण

 

प्रश्न 8:

 

कारोबार और अर्थजगत से जुड़ी रोजमर्रा की खबरें किस शैली में लिखी जाती हैं?

 

उत्तर –

 

कारोबार और अर्थजगत से जुड़ी रोजमर्रा की खबरें उलटा पिरामिड शैली में लिखी जाती हैं।

 

प्रश्न 9:

 

विशेषीकृत पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं?

 

उत्तर –

 

वह पत्रकारिताजो किसी घटना की तह में जाकर उसका अर्थ स्पष्ट करे और पाठकों को उसका महत्त्व बताएविशेषीकृत पत्रकारिता कहलाती है।

 

प्रश्न 10:

 

डेस्क से आप क्या समझते हैंअथवा डेस्क किसे कहते हैं?

 

उत्तर –

 

समाचार-पत्रोंटीवीरेडियो चैनलों में विशेष लेखन के लिए अलग डेस्क होता हैजिन पर समाचारों का संपादन करके छपने योग्य बनाया जाता है।

 

प्रश्न 11:

 

पत्रकारिता में ‘बीट’ शब्द का क्या अर्थ है?

 

अथवा

 

मीडिया की भाषा में ‘बीट’ किसे कहते हैं?

उत्तर –

 

समाचार कई प्रकार के होते हैंजैसे-राजनीतिअपराधखेलआर्थिकफ़िल्म तथा कृषि संबंधी समाचार आदि। संवाददाताओं के बीच काम का बँटवारा उनके ज्ञान एवं रुचि के आधार पर किया जाता है। मीडिया की भाषा में इसे ही बीट कहते हैं।

 

प्रश्न 12:

 

बीट रिपोर्टर की रिपोर्ट कब विश्वसनीय मानी जाती है?

 

उत्तर –

 

बीट रिपोर्टर को अपने बीट (क्षेत्र) की प्रत्येक छोटी-बड़ी जानकारी एकत्र करके कई स्रोतों द्वारा उसकी पुष्टि करके विशेषज्ञता हासिल करना चाहिए। तब उसकी खबर विश्वसनीय मानी जाती है।

 

प्रश्न 13:

 

विशेष लेखन क्या है?

 

उत्तर –

अखबारों के लिए समाचारों के अलावा खेलअर्थ-व्यापारसिनेमा या मनोरंजन आदि विभिन्न क्षेत्रों और विषयों संबंधित घटनाएँसमस्याएँ आदि से संबंधित लेखन विशेष लेखन कहलाता है। इस प्रकार के लेखन की भाषा और शैली समाचारों की भाषा-शैली से अलग होती है।

प्रश्न 14:

विशेष लेखन की भाषा-शैली संबंधी विशेषता का वर्णन कीजिए।

उत्तर –विशेष लेखन किसी विशेष विषय पर या जटिल एवं तकनीकी क्षेत्र से जुड़े विषयों पर किया जाता हैजिसकी अपनी विशेष शब्दावली होती है। इस शब्दावली से संवाददाता को अवश्य परिचित होना चाहिए। उसे इस तरह लेखन करना चाहिए कि रिपोर्ट को समझने में परेशानी न हो।

प्रश्न 15:आज विशेष लेखन के कौन-कौन से क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं?

उत्तर –आज खेलकारोबारसिनेमामनोरंजनफैशनस्वास्थ्य विज्ञानपर्यावरणशिक्षाजीवनशैलीरहन-सहन जैसे क्षेत्र विशेष लेखन हेतु महत्वपूर्ण हैं।

 

 

 

 


1. पत्रकारीय लेखन क्या है?

अखबार पाठकों को सूचना देनेउन्हें जागरूक और शिक्षित बनाने तथा उनका मनोरंजन करने का दायित्व निभाते हैं। लोकतांत्रिक समाजों में वे एक पहरेदारशिक्षक और जनमत-निर्माता के तौर पर बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। अपने पाठकों के लिए वे बाहरी दुनिया में खुलने वाली ऐसी खिड़की हैंजिनके जरिये असंख्य पाठक हर रोज सुबह देश-दुनिया और अपने पास-पड़ोस की घटनाओंसमस्याओंमुद्दों तथा विचारों से अवगत होते हैं। अखबार या अन्य समाचार माध्यमों में काम करने वाले पत्रकार अपने पाठकोंदर्शकों और श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए लेखन के विभिन्न रूपों का इस्तेमाल करते हैं। इसे ही पत्रकारीय लेखन कहते हैं।

2.पत्रकार तीन प्रकार के होते हैं-

1. पूर्णकालिक पत्रकार-ये पत्रकार किसी समाचार संगठन में काम करने वाले वेतनभोगी  कर्मचारी होते हैं। 

2. अंशकालिक पत्रकार-ये पत्रकार किसी समाचार संगठन के लिए एक निश्चित मानदेय पर एक निश्चित समयावधि के लिए कार्य करते हैं।

3. फ्रीलांसर यानी स्वतंत्र पत्रकार-इन पत्रकारों का संबंध किसी विशेष समाचार-पत्र से नहीं होताबल्कि वे भुगतान के आधार पर अलग-अलग समाचार-पत्रों के लिए लिखते हैं।

 3साहित्यिक और पत्रकारीय लेखन में अंतर

पत्रकारीय लेखन का संबंध तथा दायरा समसामयिक और वास्तविक घटनाओंसमस्याओं तथा मुद्दों से होता है। यह साहित्यिक और सृजनात्मक लेखन-कविताकहानीउपन्यास आदि-इस मायने में अलग है कि इसका रिश्ता तथ्यों से होता हैन कि कल्पना से।

पत्रकारीय लेखन साहित्यिक और सृजनात्मक लेखन से इस मायने में भी अलग है कि यह अनिवार्य रूप से तात्कालिकता और अपने पाठकों की रुचियों तथा जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाने वाला लेखन हैजबकि साहित्यिक और सृजनात्मक लेखन में लेखक को काफी छूट होती है।

4. पत्रकारीय लेखन के महत्वपूर्ण तथ्य

1. पत्रकारीय लेखन करने वाले विशाल जन-समुदाय के लिए लिखते हैंजिसमें पाठकों का दायरा और ज्ञान का स्तर विस्तृत होता है।

2. इसके पाठक मजदूर से विद्वान तक होते हैंअत: उसकी लेखन-शैली और भाषा-सरलसहज, रोचक और आम बोलचाल वाली होनी चाहिए।

3.शब्द सरल और आसानी से समझ में आने वाले वाक्य छोटे और सहज होने चाहिए।5. समाचार-लेखन की विशेष शैली

समाचार-लेखन की एक विशेष शैली हैजिसे उलटा पिरामिड शैली (इन्वर्टेड पिरामिड ) के नाम से जाना जाता है। यह समाचार-लेखन की सबसे लोकप्रियउपयोगी और बुनियादी शैली है। यह शैली कहानी या कथा-लेखन की शैली के ठीक उलटी हैजिसमें क्लाइमेक्स बिलकुल आखिर में आता है। इसे ‘उलटा पिरामिड शैली’ इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसमें सबसे महत्वपूर्ण तथ्य या सूचना यानी ‘क्लाइमेक्स’ पिरामिड के सबसे निचले उलटा पिरामिड में हिस्से में नहीं होतीबल्कि इस शैली में पिरामिड को उलट दिया जाता है।

6. समाचार – लेखन और छह ककार

किसी समाचार को लिखते हुए जिन छह सवालों का जवाब देने की कोशिश की जाती हैवे हैं-

क्या हुआ?

किसके साथ हुआ?

कब हुआ?

कहाँ हुआ?

कैसे हुआ?

क्यों हुआ?

इस क्याकिसके (या कौन)कबकहाँकैसे और क्यों को ही छह ककारों के रूप में जाना जाता है।

7. समाचार लेखन में ककार का महत्व-

समाचार के मुखड़े (इंट्रो) यानी पहले पैराग्राफ़ या शुरुआती दो-तीन पंक्तियों में आमतौर पर तीन या चार ककारों को आधार बनाकर खबर लिखी जाती है। ये चार ककार हैं-क्याकौनकब और कहाँइसके बाद समाचार की बॉडी में और समापन के पहले बाकी दो ककारों-कैसे ‘ और क्यों-का जवाब दिया जाता है। इस तरह छह ककारों के आधार पर समाचार तैयार होता है। इनमें से पहले चार ककार-क्याकौनकब और कहाँ-सूचनात्मक और तथ्यों पर आधारित होते हैं जबकि बाकी दो ककारों-कैसे और क्यों-में विवरणात्मकव्याख्यात्मक और विश्लेषणात्मक पहलू पर जोर दिया जाता है।

8. फीचर क्या है?

समकालीन घटना या किसी भी क्षेत्र विशेष की विशिष्ट जानकारी के सचित्र तथा मोहक विवरण को फ़ीचर कहा जाता है। इसमें तथ्यों को मनोरंजक ढंग से प्रस्तुत किया जाता है। इसके संवादों में गहराई होती है। यह सुव्यवस्थित और सृजनात्मक लेख होता है।

फ़ीचर में विस्तार की अपेक्षा होती है।इसमें भूतवर्तमान तथा भविष्य का समावेश हो सकता है। इसमें तथ्यकथन व कल्पना का उपयोग किया जा सकता है। फ़ीचर में आँकड़ेफोटोकार्टूनचार्टनक्शे आदि का उपयोग उसे रोचक बना देता है।

9. फीचर व समाचार में अंतर.

1. फ़ीचर में लेखक के पास अपनी राय या दृष्टिकोण और भावनाएँ जाहिर करने का अवसर होता है। जबकि समाचार-लेखन में वस्तुनिष्ठता और तथ्यों की शुद्धता पर जोर दिया जाता है।

2. फ़ीचर-लेखन में उलटा पिरामिड शैली का प्रयोग नहीं होता। इसकी शैली कथात्मक होती है।

3, फ़ीचर-लेखन की भाषा सरलरूपात्मक व आकर्षक होती हैपरंतु समाचार की भाषा में सपाटबयानी होती है।

4. फ़ीचर का विषय कुछ भी हो सकता हैसमाचार का नहीं।

10. फ़ीचर के प्रकार

फ़ीचर के प्रकार निम्नलिखित हैं

समाचार फीचर

घटनापरक फीचर

व्यक्तिपरक फीचर

लोकाभिरुचि फ़ीचर

सांस्कृतिक फ़ीचर

साहित्यिक प्रफीचर

विश्लेषण प्रफीचर

विज्ञान फ़ीचर।

11. फीचर-लेखन संबंधी मुख्य बातें

फ़ीचर को सजीव बनाने के लिए उसमें उस विषय से जुड़े लोगों की मौजूदगी जरूरी होती है।फ़ीचर के कथ्य को पात्रों के माध्यम से बताना चाहिए। फ़ीचर मनोरंजक व सूचनात्मक होना चाहिए।फ़ीचर का कोई-न-कोई उद्देश्य होना चाहिए। उस उद्देश्य के इर्द-गिर्द सभी प्रासंगिक सूचनाएँ तथ्य और विचार गुंथे होने चाहिए।फ़ीचर तथ्योंसूचनाओं और विचारों पर आधारित कथात्मक विवरण और विश्लेषण होता है। फ़ीचर-लेखन का कोई निश्चित ढाँचा या फ़ॉर्मूला नहीं होता। इसे कहीं से भी अर्थात प्रारंभमध्य या अंत से शुरू किया जा सकता है।फ़ीचर का हर पैराग्राफ अपने पहले के पैराग्राफ से सहज तरीके से जुड़ा होना चाहिए तथा उनमें प्रारंभ से अंत तक प्रवाह व गति रहनी चाहिए।

12. पत्रकारिता के विभिन्न पहलू कौन-कौन-से हैं?

पत्रकारिता के विभिन्न पहलू हैं-

समाचारों का संकलन,उनका संपादन कर छपने योग्य बनानाउन्हें पत्र-पत्रिकाओं में छापकर पाठकों तक पहुँचाना आदि।

13.पत्रकार किसे कहते हैं?

समाचार-पत्रोंपत्र-पत्रिकाओं में छपने के लिए लिखित रूप में सामग्री देनेसूचनाएँ और समाचार एकत्र करने वाले व्यक्ति को पत्रकार कहते हैं।

14 . संपादक के कार्य लिखिए।

संपादक संवाददाताओं तथा रिपोर्टरों से प्राप्त समाचार-सामग्री की अशुद्धयाँ दूर करते हैं तथा उसे त्रुटिहीन बनाकर प्रस्तुति के योग्य बनाते हैं। वे रिपोर्ट की महत्वपूर्ण बातों को पहले तथा कम महत्व की बातों को अंत में छापते हैं तथा समाचार-पत्र की नीतिआचार-संहिता और जन-कल्याण का विशेष ध्यान रखते हैं।

15. किन गुणों के होने से कोई घटना समाचार बन जाती है?

नवीनतालोगों की रुचिप्रभाविकतानिकटता आदि तत्वों के होने से घटना समाचार बन जाती है।


No comments:

Post a Comment

अक्क महादेवी

  पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न कविता के साथ प्रश्न 1: ‘लक्ष्य प्राप्ति में इंद्रियाँ बाधक होती हैं’-इसके संदर्भ में अपने तर्क दीजिए। उत्तर – ज्ञ...