Friday, 3 April 2020

प्रश्न उत्तर 03.04.2020



आज पूछे गए प्रश्न-

(क) जगजीवन का भार लिए फिरने से कवि का क्या आशय हैं? ऐसे में भी वह क्या कर लेता है?

(ख) स्नेह-सुरासे कवि का क्या आशय हैं?

(ग) आशय स्पष्ट कीजिए जग पूछ रहा उनको, जो जग की गाते।

(घ) साँसों के तारसे कवि का क्या तात्पर्य हैं? आपके विचार से उन्हें किसने झंकृत किया होगा?

उत्तर

(क) जगजीवन का भार लिए फिरनेसे कवि का आशय है-सांसारिक रिश्ते-नातों और दायित्वों को निभाने की ज़िम्मेदारी है । वह एक अनासक्त दीवाना है,जिसके कारण लोगों के बोझ रूपी दुखों को वह ले लेता है और उनके जीवन में खुशियाँ लाने का प्रयास करता है। इन विपरीत परिस्थितियों में भी उसका जीवन प्रेम से भरा-पूरा है और वह सबसे प्रेम करना चाहता है।

(ख) स्नेह-सुरासे आशय है-प्रेम की मादकता और उसका पागलपन, जिसे कवि हर क्षण महसूस करता है और उसका मन झंकृत होता रहता है।

(ग) जग पूछ रहा उनको, जो जग की गातेका आशय है-यह संसार उन लोगों की स्तुति करता है जो संसार के अनुसार चलते हैं और उसका गुणगान करते है।

(घ) साँसों के तारसे कवि का तात्पर्य है-उसके जीवन में भरा प्रेम रूपी तार, जिनके कारण उसका जीवन चल रहा है। मेरे विचार से उन्हें कवि की प्रेयसी ने झंकृत किया होगा।

कृपया इस कार्य को कॉपी में कर लीजिए

5 comments:

  1. आप अपने doubts भी यहाँ पूछ सकते हैं।

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  2. 'झंकृत' mam iska matlab kya h?

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    1. झंकृत शब्द का अर्थ है वह ध्वनि जो तारों को छूने से निकलती है

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