Monday 17 October 2022

अपू के साथ ढाई साल

अपू के साथ ढाई साल-श्री सत्यजित राय 


प्रश्न 1.पथेर पांचाली फिल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक क्यों चला ?

उत्तर–पथेर पांचाली फ़िल्म की शूटिंग का काम ढाई साल तक चलने के निम्नलिखित कारण थे-उस वक्त लेखक एक विज्ञापन कंपनी में काम करते थे। इसलिए वो कंपनी के काम से फुर्सत मिलने पर ही शूटिंग करते थे।

लेखक के पास पैसों का भी अभाव था। इसीलिए वो पर्याप्त पैसे इकट्ठे होने पर ही शूटिंग करते थे।

शूटिंग करते वक्त लेखक को कई बार प्राकृतिक , स्थान व कलाकार संबंधी समस्याएँ का भी सामना करना पड़ा था।

प्रश्न 2.“अब अगर हम उस जगह बाकी आधे सीन की शूटिंग करते , तो पहले आधे सीन के साथ उसका मेल कैसे बैठता ? उसमें से कंटिन्युइटी नदारद हो जाती”। इस कथन के पीछे क्या भाव है ?

उत्तर–किसी भी फिल्म में निरंतरता व समरूपता ही दर्शकों को प्रभावित करती है। अगर किसी फिल्म में निरंतरता और दृश्यों में समरूपता नहीं होगी तो फिल्म दर्शकों की समझ में नही आएगी।पथेर पांचाली” फ़िल्म में लेखक को रेलवे लाइन के पास काशफूलों से भरे मैदान में शूटिंग करनी थी।चूंकि सीन बहुत बड़ा था इसलिए एक दिन में शूटिंग संभव नही थी। इसीलिए कुछ दिन बाद शूटिंग करने का निर्णय लिया गया।मगर एक सप्ताह बाद जब लेखक वहाँ पहुंचे तो तब तक जानवर सारे काशफूल खा चुके थे। अत: फिल्म के सारे सीन एक जैसे दिखाने और फिल्म में निरंतरता बनाये रखने के लिए लेखक को एक वर्ष का लम्बा इंतजार करना पड़ा । और जब अगले साल उस मैदान में दुबारा काशफूल खिले , तब जाकर सीन के शेष भाग की शूटिंग पूरी की गई। ताकि फिल्म में निरंतरता बनी रहे।

प्रश्न 3.किन दो दृश्यों में दर्शक यह पहचान नहीं पाते कि उनकी शूटिंग में कोई तरकीब अपनाई गई है ?

उत्तर–पहले दृश्य में भूलो नामक कुत्ते को अपू की माँ द्वारा गमले में डाले गए भात को खाते हुए शूट करना था। मगर रात होने व लेखक के पास पैसे खत्म होने के कारण इस पूरे दृश्य की शूटिंग नही हो सकी।

छह महीने बाद जब लेखक दुबारा पैसे इकठ्ठे कर फिल्म की शूटिंग करने उस जगह पहुंचे तब तक भूलो कुत्ते की मौत हो चुकी थी। फिर भूलो कुत्ते से मिलता-जुलता एक और कुत्ता ढूंढकर उस दृश्य को फ़िल्माया गया। मगर यह दृश्य इतना स्वाभाविक था कि फिल्म देखते वक्त दर्शक उसे पहचान नहीं सके ।

दूसरे दृश्य में पैसे न होने के कारण श्रीनिवास मिठाईवाले से अपू व दुर्गा मिठाई नही खरीद पाते हैं। लेकिन वो उसके पीछे दौड़कर मुखर्जी के घर के पास तक जाते हैं। इस दृश्य का कुछ भाग फिल्माया जा चुका था। मगर पैसे की कमी के कारण शूटिंग रोकनी पड़ी थी।

पैसे का इंतजाम होने के बाद लेखक जब दुबारा उस गांव में शूटिंग करने पहुंचे तो पता चला कि श्रीनिवास की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति का देहांत हो चुका है। फिर श्रीनिवास से मिलते-जुलते कद काठी के व्यक्ति को ढूंढ़कर बाकी का सीन फ़िल्माया गया। इस सीन को भी दर्शक पहचान नही पाते हैं।

प्रश्न 4.भूलो की जगह दूसरा कुत्ता क्यों लाया गया ? उसने फिल्म के किस दृश्य को पूरा किया ?

उत्तर–एक दृश्य को आधा फिल्माने के बाद भूलो कुत्ते की मृत्यु हो गई। फिल्म के उस दृश्य को पूरा करने के लिए उससे मिलते-जुलते दूसरे कुत्ते की मदद ली गई |

फ़िल्म का वह दृश्य कुछ इस प्रकार है । अपू  की माँ उसे भात खिला रही हैं और अपू तीर-कमान से खेलने में व्यस्त है। भात खाते-खाते अचानक वह एक तीर छोड़ देता है फिर उस तीर को लाने के लिए भागता है। माँ भी भात की थाली हाथ में लिए उसके पीछे भागती है । पास ही खड़ा भूलो कुत्ता यह सब देख रहा है। उसका ध्यान भात की थाली की ओर है।

यहाँ पर तक का दृश्य भूलो कुत्ते पर फ़िल्माया गया। इसके बाद का दृश्य दूसरे कुत्ते पर फिल्माया गया जिसमें अपू की माँ बचा हुआ भात गमले में डाल देती है जिसे भूलो कुत्ता खा लेता है।

प्रश्न 5.फिल्म में श्रीनिवास की क्या भूमिका थी और उनसे जुड़े बाकी दृश्यों को उनके गुजर जाने के बाद किस प्रकार फिल्माया गया ?

उत्तर–फिल्म में श्रीनिवास की भूमिका एक मिठाई बेचने वाले की थी। मिठाई बेचने वाले श्रीनिवास से संबंधित दृश्य का कुछ भाग फिल्माया जा चुका था। मगर पैसे की कमी के कारण शूटिंग रोकनी पड़ी । पैसे का इंतजाम होने के बाद लेखक जब दुबारा उस गांव पहुंचे तो पता चला कि श्रीनिवास की भूमिका निभाने वाले व्यक्ति का देहांत हो चुका है।

फिर श्रीनिवास से मिलते-जुलते कद काठी वाले व्यक्ति को ढूढ़कर बाकी का सीन फ़िल्माया गया। जिसमें नये आदमी को कैमरे की तरफ पीठ करके मुखर्जी के घर के गेट के अंदर जाता हुआ दिखाया गया है। हालाँकि दर्शक दोनों में फर्क नही कर पाते हैं।

प्रश्न 6.बारिश का दृश्य चित्रित करने में क्या मुश्किल आई और उसका समाधान किस प्रकार हुआ ?

उत्तर–लेखक को फिल्म में बारिश के एक दृश्य को फिल्माना था लेकिन पैसे की कमी से कारण पूरे बरसात में वो शूटिंग नहीं कर पाये । अक्टूबर में पैसों का इंतजाम हुआ तब तक बारिश खत्म हो चुकी थी।

लेकिन वो शरद ऋतु में वर्षा के इंतजार में अपनी टीम के साथ हर रोज गांव में जाकर बारिश का इंतजार करते थे। और एक दिन आकाश में बादल छाये और धुआँधार बारिश हुई। दुर्गा व अपू  ने बारिश में भीगने का सीन बहुत अच्छे से किया। लेकिन ठंड लगने के कारण दोनों काँपने लगे। तब उन्हें दूध में ब्रांडी मिलाकर पिलाई गई।

प्रश्न 7.किसी फिल्म की शूटिंग करते समय फिल्मकार को जिन समस्याओं का सामना करना पड़ता है।  उन्हें सूचीबद्ध कीजिए ?

उत्तर–किसी फ़िल्म की शूटिंग करते समय फिल्मकार को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है-

धन की कमी।

सही कलाकारों का चयन।

दृश्य के हिसाब से सही जगह का चुनाव करना।  

पशु – पक्षियों व छोटे बच्चों से मनचाहे दृश्य लेना।

कलाकारों के स्वास्थ्य , मृत्यु व अनुपस्थिति का समाधान देखना ।

प्राकृतिक दृश्यों के लिए मौसम पर निर्भरता।

स्थानीय लोगो से तालमेल ।

 प्रभावशाली संगीत

 


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