Friday 1 July 2022

कहानी और नाटक/रेडियो नाटक

 कहानी और नाटक





1 नाटक क्या होता है? यह कहानी से किस प्रकार भिन्न है ?

नाटक में पात्रों का चरित्र चित्रण सजीव रूप से किया जाता है। कहानी का संबंध लेखक और पाठक से जुड़ा हुआ होता है और नाटक का संबंध लेखक, निर्देशक, पात्र, श्रोता, दर्शक तथा अन्य अनेक लोगों से जुड़ता है। कहानी को पढ़ा या सुना जा सकता है जबकि नाटक को देखा जाता है। इसे मंच पर प्रस्तुत किया जाता है।

2.कहानी और नाटक में क्या क्या समानताएँ होती हैं?

कहानी में भी  नाटक के समान केंद्र बिंदु कथानक होता है।नाटक में भी एक कहानी,पात्र, संवाद ,परिवेश होता है और नाटक का भी क्रमिक विकास होता है और पात्रों के मध्य द्वंद्व होता है।नाटक में भी एक उद्देश्य निहित होता है।

 

3.नाटक में संवाद का क्या महत्व है ?

कहानी में पात्रों के बीच हुई परस्पर बातचीत को संवाद अथवा कथोपकथन कहते हैं। यह कहानी का तीसरा प्रमुख तत्व होता है। संवाद पात्रों के चरित्र का उद्घाटन करते हैं तथा कहानी का विकास करते हैं। इसलिए संवाद योजना, सहज, सरल, स्वाभाविक तथा पात्रानुकूल होनी चाहिए।

4,कहानी को नाटक में रूपांतरित कैसे करें?

कहानी की कथावस्तु को समय और स्थान के आधार पर विभाजित किया जाता है।

कहानी में घटित विभिन्न घटनाओं के आधार पर दृश्यों का निर्माण किया जाता है।

कथावस्तु से संबंधित वातावरण की व्यवस्था की जाती है।

कथानक को अभिनय के अनुरूप स्वरूप प्रदान किया जाता है।

5.रेडियो नाटक से  आप  क्या समझते  हैं ?

रेडियो  नाटक  रेडियो  पर  प्रसारित  होने वाला नाटक   होता है |यह सिनेमा  की तरह  डिजिटल  नहीं होता , न  ही  यह  कहानी  की  तरह  केवल  पढ़ा और  सुना  जा सकता  है | यह  केवल  सुना  जा सकता है | यह  अपने  संवादों  और  ध्वनि से  अपना  प्रभाव  डालता है | इसमें  पात्रों  की संख्या  कम  होती  है  और  इसकी  समयावधि भी  कम  रखी  जाती  है क्योंकि  रेडियो  पर  समय  का बंधन  होता  है |इसमें संगीत  का विशेष महत्व  होता है |


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