स्ववृत्त (बायोडेटा) लेखन तथा रोजगार संबंधी आवेदन पत्र 11
प्र.1- स्ववृत्त क्या है ? उसमें क्या विशेषताएँ होनी चाहिए ?
उ.- किसी व्यक्ति विशेष द्वारा अपने बारे में सूचनाओं का सिलसिलेवार संकलन ही स्ववृत्त कहलाता है। इसमें व्यक्ति अपने व्यक्तित्त्व, ज्ञान और अनुभव के सबल पक्ष को इस प्रकार प्रस्तुत करता है जो नियोक्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी व सकारात्मक छबि प्रस्तुत करता है।
प्र.2- स्ववृत्त में किन-किन बातों का समावेश होना चाहिए।
उ.- स्ववृत्त में अपनी पूरा परिचय, पता, सम्पर्क सूत्र(टेलीफोन, मोबाइल, ई-मेल आदि), शैक्षणिक व व्यावसायिक योग्यताओं के सिलसिलेबार विवरण के साथ-साथ अन्य संबंधित योग्यताओं, विशेष उपलब्धियों, कार्येत्तर गतिविधियों व अभिरुचियों का उल्लेख होना चाहिए। एक-दो ऐसे सम्मानित व्यक्तियों के विवरण, जो उम्मीदवार के व्यक्तित्व व उपलब्धियों से परिचित हों, का समावेश भी होना चाहिए।
प्र.2- स्ववृत्त में किन-किन बातों का समावेश होना चाहिए।
उ.- स्ववृत्त में अपनी पूरा परिचय, पता, सम्पर्क सूत्र(टेलीफोन, मोबाइल, ई-मेल आदि), शैक्षणिक व व्यावसायिक योग्यताओं के सिलसिलेबार विवरण के साथ-साथ अन्य संबंधित योग्यताओं, विशेष उपलब्धियों, कार्येत्तर गतिविधियों व अभिरुचियों का उल्लेख होना चाहिए। एक-दो ऐसे सम्मानित व्यक्तियों के विवरण, जो उम्मीदवार के व्यक्तित्व व उपलब्धियों से परिचित हों, का समावेश भी होना चाहिए।
अंग्रेजी में इसे बायोडाटा ( Biodata ) भी कहा जाता है।
स्ववृत्त लेखन की पूरी जानकारी
स्ववृत्त लेखन से अभिप्राय अपने विवरण से है। यह एक बना बनाया प्रारूप होता है जिसे विज्ञापन के प्रत्युत्तर में आवेदन पत्र के साथ भेजा जाता है।
नौकरी के संदर्भ में स्ववृत्त की तुलना एक उम्मीदवार के दूत या प्रतिनिधि से की जाती है।
अभिप्राय है कि स्ववृत्त का प्रारूप उसे प्रभावशाली बनाता है।
एक अच्छा स्ववृत्त नियुक्तिकर्ता के मन में उम्मीदवार के प्रति अच्छी और सकारात्मक धारणा उत्पन्न करता है। नौकरी में सफलता के लिए योग्यता और व्यक्ति के साथ-साथ स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुणता भी आवश्यक है। स्ववृत्त में किसी विशेष प्रयोजन को ध्यान में रखकर सिलसिलेवार ढंग से सूचनाएं संकलित की जाती है।
स्ववृत्त में दो पक्ष होते हैं:-
पहला पक्ष वह व्यक्ति है जिसको केंद्र में रखकर सूचनाएं संकलित की जाती है।
दूसरा पक्ष नियोजन का है।
स्ववृत्त में ईमानदारी होनी चाहिए। किसी भी प्रकार के झूठे दावे या अतिशयोक्ति से बचना चाहिए।
अपने व्यक्तित्व , ज्ञान और अनुभव के सबल पहलुओं पर जोर देना चाहिए।
स्ववृत्त का आकार अति संक्षिप्त अथवा जरूरत से ज्यादा लंबा नहीं होना चाहिए। स्ववृत्त साफ-सुथरे ढंग से टंकित या कंप्यूटर मुद्रित अथवा सुंदर-लेखन में होना चाहिए। स्ववृत्त में सूचनाओं को अनुशासित क्रम में लिखना चाहिए तथा व्यक्तिगत परिचय , शैक्षणिक योग्यता ,अनुभव ,प्रशिक्षण ,उपलब्धियां, कार्येत्तर गतिविधियां इत्यादि विस्तृत ब्यौरा होना चाहिए।
परिचय में
नाम ,
जन्मतिथि ,
उम्र ,
पत्र व्यवहार का पता , टे
लीफोन नंबर ,
ईमेल
इत्यादि लिखे जाने चाहिए।
शैक्षणिक योग्यता में विद्यालय का नाम , बोर्ड या विश्वविद्यालय का नाम , परीक्षा का वर्ष , प्राप्तांक , प्रतिशत तथा श्रेणी का उल्लेख करना चाहिए।
कार्येत्तर गतिविधियों का उल्लेख अन्य उम्मीदवारों से अलग पहचान दिलाने में समर्थ होता है।
स्ववृत्त में विज्ञापन में वर्णित योग्यताओं और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए थोड़ा-बहुत परिवर्तन किया जा सकता है।
नौकरी के लिए आवेदन पत्र
प्रश्न – सर्वोदय बाल विद्यालय गोल मार्केट दिल्ली में हिंदी विषय पीजीटी का पद रिक्त है। विज्ञापन के अनुसार अपनी योग्यता का विवरण प्रस्तुत करते हुए शिक्षा निदेशक को आवेदन पत्र प्रस्तुत करें।
उत्तर
सेवा में
शिक्षा निदेशक
शिक्षा निदेशालय
पुराना सचिवालय
दिल्ली 110053
विषय – पीजीटी हिंदी पद के लिए आवेदन पत्र।
महोदय
मैं सुरेश ठाकुर विगत कुछ वर्षों से दिल्ली सरकार के विद्यालय में संविदा शिक्षक के रूप में बतौर काम कर रहा हूं । मुझे ज्ञात हुआ सर्वोदय बाल विद्यालय गोल मार्केट में हिंदी पीजीटी का पद रिक्त है।
मैं इस पद के लिए उचित योग्यता रखता हूं। यह मेरे घर से निकट भी है।
अतः श्रीमान से निवेदन करना चाहता हूं कि मुझे सर्वोदय बाल विद्यालय गोल मार्केट में बतौर हिंदी प्रवक्ता के पद पर नियुक्त करने की कृपा करें।
धन्यवाद
निवेदक
सुरेश ठाकुर
302 गोल मार्केट
नई दिल्ली
11001
5 फरवरी 2020
मेरा स्ववृत्त आवेदन पत्र के साथ संलग्न है।
स्ववृत्त लेखन किस प्रकार बनता है
नाम – सुरेश ठाकुर
पिता का नाम – राम प्रकाश ठाकुर
माता का नाम – सुनीता ठाकुर
जन्मतिथि – 30 जुलाई 1992
वर्तमान पता – 302 गोल मार्केट नई दिल्ली 11001
दूरभाष – 011 -2254565
मोबाइल संख्या – 0000546
ईमेल – sureshthakur@……
शैक्षणिक योग्यता-
क्रम संख्या | कक्षा | वर्ष | विद्यालय/बोर्ड | विषय | उत्तीर्ण/प्रतिशत |
1 | दसवीं | 2006 | CBSE | हिंदी अंग्रेजी सामाजिक विज्ञानं गणित | 72% |
2 | बारहवीं | 2008 | CBSE | हिंदी अंग्रेजी इतिहास अर्थशास्त्र | 86 % |
3 | स्नातक | 2011 | University of Delhi | हिंदी | 69 % |
4 | बी.एड | 2012 | University of Delhi | हिंदी | 93 % |
5 | परास्नातक | 2014 | University of Delhi | हिंदी | 79 % |
अन्य योग्यताएं
कंप्यूटर में 1 वर्ष का डिप्लोमा
मैकेनिकल इंजीनियरिंग में 6 माह का डिप्लोमा
हिंदी अंग्रेजी जर्मनी स्पेनिश भाषा की जानकारी।
योगा के क्षेत्र में 6 माह का प्रशिक्षण।
उपलब्धियां –
विद्यालय स्तर पर एनसीसी में उच्च प्रशिक्षण।
भारत को जानो प्रतियोगिता में राज्य स्तर पर द्वितीय पुरस्कार
गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेने का पुरस्कार
कार्येत्तर गतिविधियां और अभी रुचियां –
योगाभ्यास क्रिकेट शास्त्रीय संगीत गायन वादन में विशेष रूचि।
सांस्कृतिक कार्यक्रम को आयोजन करने का अनुभव तथा रुचि
आधुनिक तकनीकों का प्रयोग सीखना तथा समाज के लिए उपयोगी बनाना।
स्ववृत्त लेखन के महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर
1 प्रश्न – स्ववृत्त से आप क्या समझते हैं ?
उत्तर – स्ववृत्त व्यक्ति के पहचान का एक माध्यम है। यह किसी नौकरी , पद आदि के आवेदन के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
जिसमें व्यक्तिगत जानकारी उपलब्ध कराई जाती है। आवेदक का जन्म , शैक्षणिक योग्यता ,अंक , प्रतिशत ,कार्य अनुभव आदि सभी समाहित होते हैं।
2 प्रश्न – उम्मीदवारों के चयन में स्ववृत्त किस प्रकार सहायक होता है ?
उत्तर- उम्मीदवारों के चयन में स्ववृत्त की अहम भूमिका होती है। इसके माध्यम से उम्मीदवारों की गुणवत्ता का मूल्यांकन स्वता किया जा सकता है।
व्यक्ति के संक्षिप्त मूल्यांकन का सर्वश्रेष्ठ आधार स्ववृत्त को माना गया है।
3 प्रश्न – एक अच्छे स्ववृत्त में क्या-क्या विशेषताएं होती है ?
उत्तर – कोई भी लेखन कला करते समय उसकी बारीकियों को विशेष ध्यान दिया जाए तो निश्चित रूप से वह विशेषता के दर्जे में सम्मिलित हो जाता है।
स्ववृत्त के साथ भी ऐसा ही है। एक अच्छे और विशेषताओं से युक्त स्ववृत्त में जन्म से लेकर शैक्षणिक योग्यता , प्रतिशत , अंक , वर्ष , कॉलेज , विद्यालय का नाम आदि विस्तृत रूप से सुव्यवस्थित ढंग से लिखा जाना चाहिए।
लेखन करते समय उसकी शुद्धता और स्पष्टता का ध्यान रखा जाना चाहिए।
इन सभी विशेषताओं से अच्छे स्ववृत्त की रचना की जा सकती है।
4 प्रश्न – स्ववृत्त में अन्य योग्यताओं के अतिरिक्त कार्येत्तर गतिविधियों की चर्चा करना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – कार्येत्तर गतिविधियों की चर्चा तब अहम हो जाती है जब आवेदन की भरमार हो।
इससे आवेदक को विशेष लाभ मिलता है , क्योंकि उसके पास अनुभव बताने के लिए विशेष होता है।
यह उसे अग्रणी पंक्ति में ला खड़ा करता है।
इसीलिए स्ववृत्त लिखते समय अपने कार्यकुशलता, कार्येत्तर गतिविधियों को अवश्य लिखें।
5 प्रश्न – स्ववृत्त निर्माण की कला में निपुण होना क्यों आवश्यक है ?
उत्तर – क्योंकि इससे व्यक्ति का मूल्यांकन होता है।
जो व्यक्ति अपना मूल्यांकन ठीक प्रकार से करवाना चाहता है , अपनी अहमियत को प्रकट करना चाहता है उसको स्ववृत्त निर्माण में कुशल होना अति आवश्यक है।