Sunday, 10 May 2020

अभिव्यक्ति और माध्यम-सभी संभावित प्रश्न


प्रश्न 1:
संचार जीवन की निशानी है। स्पष्ट कीजिए।
उत्तर –
मनुष्य सामाजिक प्राणी है। सामाजिक प्राणी होने के कारण वह संचार करता है। दैनिक जीवन में संचार के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। मनुष्य जब तक जीवित है, वह संचार करता रहता है। संचार खत्म होने का मतलब है-मृत्यु। संचार ही मनुष्य को एक-दूसरे से जोड़ता है।
प्रश्न 2:
जनसंचार के साधन/माध्यम कौन-कौन से हैं?
उत्तर –
समाचार-पत्र,पत्रिकाएँ इंटरनेट, समाचार-पत्र, रेडियो, टेलीविजन, सिनेमा ।
प्रश्न 3:
दुनिया एक गाँव में बदल गई है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर –
आज संचार के अनेक साधन विकसित हो गए हैं जिसके कारण भौतिक दूरियाँ कम हो रही हैं। इन साधनों के कारण मनुष्य सांस्कृतिक व मानसिक रूप से भी एक-दूसरे के करीब आ रहा है। जनसंचार के माध्यमों से कुछ ही क्षण में दुनिया के हर कोने की खबर मिल जाती है। इसी कारण आज दुनिया एक गाँव जैसी लगने लगी है।
प्रश्न 4:
संचार किसे कहते हैं?
उत्तर –
‘संचार’ शब्द की उत्पत्ति ‘चर’ धातु से हुई है, जिसका अर्थ है-चलना या एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुँचना। सूचनाओं, विचारों और भावनाओं को लिखित, मौखिक या दृश्य-श्रव्य माध्यमों के जरिए सफलतापूर्वक एक जगह से दूसरी जगह पहुँचाना ही संचार है।
प्रश्न 5:
संचार की प्रक्रिया के तत्व कौन-कौन से हैं?
उत्तर –
संचार की प्रक्रिया के तत्व निम्नलिखित हैं-
1.            स्रोत
2.            एनकोडिग
3.            भाध्यम
4.            प्राप्तकर्ता
प्रश्न 6:
सफल संचार के लिए क्या आवश्यक है?
उत्तर –
सफल संचार के लिए भाषा के कोड का ज्ञान होना जरूरी है।
प्रश्न 7:
डीकोडिंग का अर्थ बताइए।
उत्तर –
इसका अर्थ है-प्राप्त संदेश में निहित अर्थ को समझने की कोशिश। यह एनकोडिंग से उलटी प्रकिया है। इसमें संदेश प्राप्तकर्ता प्राप्त चिहनों व संकेतों के अर्थ निकालता है।
प्रश्न 8:
फीडबैक किसे कहते हैं?
उत्तर –
संचार प्रक्रिया में संदेश प्राप्तकर्ता द्वारा दर्शाई गई प्रतिक्रिया को फीडबैक कहते हैं। यह सकारात्मक या नकारात्मक दोनों ही हो सकती है।
प्रश्न 9:
शोर क्या है?
उत्तर –
संचार प्रक्रिया में आने वाली बाधाओं को शोर कहते हैं। यह शोर मानसिक से लेकर तकनीकी और भौतिक हो सकता है। इसके कारण संदेश अपने मूल रूप में प्राप्तकर्ता तक नहीं पहुँच पाता।
प्रश्न 10:
संचार के प्रकार बताइए।
उत्तर –
संचार के अनेक प्रकार हैं-सांकेतिक संचार, मौखिक संचार. अमौखिक संचार, अंत: वैयक्तिक संचार, अंतर वैयक्तिक संचार, समूह संचार व जनसंचारा।
प्रश्न 11:
अंत: वैयक्तिक संचार किसे कहते हैं?
उत्तर –
वह संचार जिसमें संचारक और प्राप्तकर्ता एक हि व्यक्ति होता है, वह अंत: वैयक्तिक संचार कहलाता है। पूजा करना, ध्यान लगाना आदि इसके रूप है।
प्रश्न 12:
अंतर वैयक्तिक संचार का क्या महत्त्व है?
उत्तर –
जब दो व्यक्ति आपस में और आमने-सामने संचार करते हैं तो इसे अंतर वैयक्तिक संचार कहते हैं। इसमें फीडबैक तत्काल मिलता है। इस तरीके से संबंध विकसित होते हैं। यह रूप पारिवारिक तथा सामाजिक रिश्तों की बुनियाद है। व्यक्तिगत जीवन में सफलता के लिए हमारा अंतर वैयक्तिक संचार का कौशल उन्नत और प्रभावी होना चाहिए।
प्रश्न 13:
समूह संचार का उपयोग कहाँ होता है?
उत्तर –
समूह संचार का उपयोग समाज और देश के सामने उपस्थित समस्याओं को बातचीत और बहस के जरिए हल करने के लिए होता है।
प्रश्न 14:
जनसंचार किसे कहते हैं?
उत्तर –
जब किसी तकनीकी या यांत्रिक माध्यम के जरिए समाज के विशाल वर्ग से संवाद करने की कोशिश की जाती है तो उसे जनसंचार कहते हैं। इसमें एक संदेश की यांत्रिक माध्यम के जरिए बहुगुणित किया जाता है ताकि उसे अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाया जा सके।
प्रश्न 15:
जनंसचार की प्रमुख विशेषताएँ बताइए।
उत्तर –
जनसंचार की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं-
1.            जनसंचार माध्यमों के जरिए प्रकाशित या प्रसारित संदेशों की प्रकृति सार्वजनिक होती है।
2.            इसमें संचारक और प्राप्तकर्ता के बीच प्रत्यक्ष संबंध नहीं होता।
3.            इस माध्यम में अनेक द्वारपाल होते हैं जो इन माध्यमों से प्रकाशित/प्रसारित होने वाली सामग्री को नियंत्रित तथा निर्धरित करते हैं।
प्रश्न 16:
जनसंचार माध्यमों में दवारपालों की भूमिका क्या है?
उत्तर –
जनसंचार माध्यमों में द्वारपालों की भूमिका महत्वपूर्ण है। यह उनकी जिम्मेदारी है कि सार्वजनिक हित, पत्रकारिता के सिद्धांतों, मूल्यों और आचार संहिता के अनुसार सामग्री को संपादित करें तथा उसके बाद ही उनके प्रसारण या प्रकाशन की इजाजत दें।
प्रश्न 17:
संचार के कार्य बताइए।
उत्तर –
संचार के निम्नलिखित कार्य हैं-
1.            संचार से कुछ हासिल किया जाता है।
2.            यह किसी के व्यवहार को नियंत्रित करता है।
3.            यह सूचना देने या लेने का कार्य करता है।
4.            यह मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति एक खास तरह से प्रस्तुत करता है।
5.            यह प्रतिक्रिया को व्यक्त करता है।
प्रश्न 18:
जनसंचार के कौन-कौन से कार्य हैं? स्पष्ट करें।
उत्तर –
जनसंचार के निम्नलिखित कार्य हैं-
1.            सूचना देना-जनसंचार माध्यमों का प्रमुख कार्य सूचना देना है। ये दुनिया भर में सूचनाएँ प्रसारित करते हैं।
2.            मनोरंजन-जनसंचार माध्यम-सिनेमा, रेडियो, टी.वी. आदि मनोरंजन के भी प्रमुख साधन हैं।
3.            जागरूकता-जनसंचार माध्यम लोगों को जागरूक बनाते हैं। वे जनता को शिक्षित करते हैं।”
4.            निगरानी-जनसंचार माध्यम सरकार और संस्थाओं के कामकाज पर निगरानी रखते हैं।
5.            विचार-विमर्श के मंच-ये माध्यम लोकतंत्र में विभिन्न विचारों की अभिव्यक्ति का मंच उपलब्ध कराते हैं।
इनके जरिए विभिन्न विचार लोगों के सामने पहुँचते हैं।
प्रश्न 19:
भारत का पहला समाचारवाचक किसे माना जाता है?
उत्तर –
देवर्षि नारद।
प्रश्न 20:
भारत में जनसंचार का इतिहास किस काल में मिल सकता है?
उत्तर –
पौराणिक काल में।
प्रश्न 21:
प्राचीन काल में संदेश किस तरह दिए जाते थे?
उत्तर –
शिलालेखों पर लेख अंकित करके।
प्रश्न 22:
भारतीय संचार के लोक माध्यम बताइए।
उत्तर –
भीमवेटका के गुफाचित्र, कठपुतली, लोकनाटक आदि।
प्रश्न 23:
लोकनाटकों के प्रकार बताइए।
उत्तर –
कथावाचन, बाउल, सांग, रागनी, तमाशा, लावनी, नौटंकी, जात्रा, गंगा-गौरी, यक्षगान।
प्रश्न 24:
जनसंचार के आधुनिक माध्यम कौन-कौन से हैं?
उत्तर –
रेडियो, टी.वी. समाचार-पत्र, सिनेमा इंटरनेट आदि।
समाचार-पत्र-पत्रिकाएँ
प्रश्न 25:
जनसंचार में प्रिंट मीडिया का क्या महत्व है?
उत्तर –
जनसंचार की सबसे मजबूत कड़ी प्रिंट मीड़िया है। यह माध्यम वाणी को शब्दों के रूप में रिकार्ड करता है जो स्थायी होते हैं।
प्रश्न 26:
पत्रकारिता के पहलुओं के बारे में बताइए।
उत्तर –
पत्रकारिता के तीन पहलू हैं-पहला-समाचारों को संकलित करना, दूसरा उन्हें संपादित कर छपने लायक बनाना तथा तीसरा उसे पत्र या पत्रिका के रूप में छापकर पाठक तक पहुँचाना।
प्रश्न 27:
भारत में छपने वाला पहला अखबार कौन-सा था?
उत्तर –
बगाल गजट ( 1780)।
प्रश्न 28:
हिदी का पहला साप्ताहिक-पत्र कौन-सा था?
उत्तर –
पं० जुगल किशोर शुक्ल द्वारा संपादित उदंत मार्तंड
प्रश्न 29:
हिंदी भाषा के प्रारंभिक दौर में किन विदवानों ने योगदान दिया।
उत्तर –
भारतेंदु हरिश्चंद्र, महात्मा गाँधी, तिलक. मदनमंहिन मारुवीय, गणेश शंकर विद्यार्थी, माखनलाल चतुर्वेदी, रामवृक्ष बेनीपुरी तथा बालमुकुंद गुप्त आदि।
प्रश्न 30:
स्वतंत्रता संघर्ष के दौरान छपने वाले प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं के नाम बताइए।
उत्तर –
केसरी, हिंदुस्तान, सरस्वती, हंस, कर्मवीर, आज, प्रताप, प्रदीप, विशाल भारत आदि।
प्रश्न 31:
भारत की आजादी से पूर्व पत्रकारिता का क्या लक्ष्य था?
उत्तर –
स्वाधीनता की प्राप्ति।
प्रश्न 32:
आजादी के बाद पत्रकारिता के चरित्र में क्या परिवर्तन आया?
उत्तर –
पत्रकारिता विशुद्ध व्यवसाय बन गया।
प्रश्न 33:
आजादी के बाद के प्रमुख पत्रकारों के नाम बताइए।
उत्तर –
अज्ञेय, रघुवीर सहाय, धर्मवीर भारती, राजेंद्र माथुर, प्रमाण जोशी, सुरेंद्र प्रताप सिंह आदि।
प्रश्न 34:
किन्ही दो प्रमुख हिंदी अखबारों के नाम बताइए।
उत्तर –
जनसत्ता, पंजाब केसरी!
रेडियो
प्रश्न 35:
रेडियो का आविष्कार कब हुआ?
उत्तर –
1895 में इटली के इंजीनियर जी. मार्कोनी द्वारा।
प्रश्न 36:
विश्व का पहला रेडियो स्टेशन कब व कहाँ खुला?
उत्तर –
1892 में अमेरिकी शहर पिट्सबर्ग, न्यूयार्क व शिकागो में विश्व के शुरुआती रेडियो स्टेशन खुले।
प्रश्न 37:
ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई?
उत्तर –
1936 ई. में।
प्रश्न 38:
रेडियो का माध्यम क्या है?
उत्तर – ध्वनि/ श्रव्य।
प्रश्न 39:
एफ. एम. रेडियो की शुरुआत कब हुई?
उत्तर –
1993 में।
प्रश्न 40:
रेडियो की पहुँच कितने प्रतिशत आबादी तक है?
उत्तर –
96 प्रतिशत।
प्रश्न 41:
गाँधी जी ने रेडियो को अदभुत शक्ति क्यों कहा था?
उत्तर –
रेडियो की तात्कालिकता, घनिष्ठता व प्रभाव के कारण गाँधी जी ने इसे अद्भुत शक्ति कहा था।
प्रश्न 42:
टेलीविजन में किन-किन माध्यमों का मिलन होता है?
उत्तर –
शब्द, ध्वनि व दृश्य।
प्रश्न 43:
विश्व में टेलीविजन कार्यक्रम कब शुरू हुए?
उत्तर –
1927 ई. में, अमेरिका।
प्रश्न 44:
भारत में टी. वी. की शुरूआत कब हुई तथा इसका उददेश्य क्या था?
उत्तर –
भारत में टी.वी. की शुरूआत 15 सितंबर, 1959 को हुई। इसका उद्देश्य शिक्षा और सामुदायिक विकास को प्रोत्साहित करना था।
प्रश्न 45:
दूरदर्शन आकाशवाणी से कब अलग हुआ?
उत्तर –
1 अप्रैल, 1976 से।
प्रश्न 46:
पी. सी. जोशी समिति ने दूरदर्शन के कौन-कौन से उददेश्य बताए?
उत्तर –
पी. सी. जोशी समिति का गठन 1980 में इंदिरा गाँधी ने दूरदर्शन के कार्यक्रमों की गुणवत्ता को सुधारने के लिए किया था। इस कमेटी ने दूरदर्शन के निम्नलिखित उद्देश्य बताए
1.            सामाजिक परिवर्तन
2.            राष्ट्रीय एकता
3.            वैज्ञानिक चेतना का विकास
4.            परिवार कल्याण
5.            कृषि विकास
6.            पर्यावरण संरक्षण
7.            सामाजिक विकास
प्रश्न 47:
आधुनिक टी.वी. चैनलों के नाम बताइए।
उत्तर –
सी.एन.एन. बी.बी.सी., आज तक, जी न्यूज आदि।
प्रश्न 48:
अत्यधिक चैनलों के आने से क्या परिणाम हुआ?
उत्तर –
अत्यधिक चैनलों के आने से टेलीविजन समाचार को निष्पक्षता व ताजगी मिली, परंतु पत्रकारिता मूल्यों व नैतिकता का पतन हुआ।
सिनेमा
प्रश्न 49:
सिनेमा का आविष्कार किसने किया?
उत्तर –
सिनेमा का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने 1883 में किथा।
प्रश्न 50:
विश्व की सबसे पहली फिल्म कौन-सी थी?
उत्तर –
द अराइवल ऑफ ट्रेन (1894, फ्रांस)।
प्रश्न 51:
भारत में पहली मूक फिल्म किसने बनाई?
उत्तर –
भारत में पहली मूक फिल्म ‘राजा हरिश्चंद्र’ (1913) दादा साहब फाल्के ने बनाई।
प्रश्न 52:
भारत की पहली बोलती फिल्म कौन-सी थी?
उत्तर –
आलम आरा (1931)।
प्रश्न 53:
हिंदी के प्रसिदध फिल्मकार बताइए।
उत्तर –
पृथ्वीराज कपूर, महबूब खान, गुरुदत्त, सत्यजीत राय आदि।
प्रश्न 54:
सत्तर के दशक तक भारतीय सिनेमा की विचारधारा। कैसी थी?
उत्तर –
प्रेम, फंतासी व कभी न हारने वाले सुपर नैचुरल हीरो की परिकल्पना।
प्रश्न 55:
समानांतर सिनेमा वक्या था?
उत्तर –
आठवें दशक में लोगों में जागरूकता फैलाने व यथार्थपरक जीवन को व्यक्त करने वाले सिनेमा को समानांतर सिनेमा कहा जाता था।
प्रश्न 56:
समानांतर सिनेमा के प्रमुख फिल्मकार कौन-से थे?
उत्तर –
सत्यजित राय, श्याम बेनेगल, मृणाल सेन, एम. एस. संधू आदि।

प्रश्न 57:
नवें दशक से हिंदी फिल्मों में कैसा स्वरूप ग्रहण किया?
उत्तर –
नवें दशक से हिंदी फिल्मों का केंद्र रोमांस, हिंसा, सेक्स व एक्शन हो गया। मुनाफा कमाना फिल्मकार का मुख्य उद्देश्य बन गया है।

प्रश्न 58:
इंटरनेट क्या है?
उत्तर –
यह एक ऐसा माध्यम है जिसमें प्रिंट मीडिया, रेडियो, टी.वी., सिनेमा आदि सभी के गुण विद्यमान हैं।
प्रश्न 59:
इंटरनेट से लाभ व हानियाँ बताइए।
उत्तर –
इंटरनेट से लाभ-
1.            इससे विश्वग्राम की अवधारणा मजबूत हुई है।
2.            इंटरनेट से संचार की नई संभावनाएँ जगी हैं।
3.            इससे शोधकर्ताओं व पढ़ने वालों के लिए अपार संसाधन उपलब्ध हुए हैं।
इंटरनेट से हानियाँ-
1.            इससे अश्लीलता को बढ़ावा मिला है।
2.            इसका दुरुपयोग किया जा रहा है।
3.            बच्चों व युवाओं में अकेलापन बढ़ता जा रहा है।
जनसंचार माध्यमों के प्रभाव
प्रश्न 60:
जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर क्या प्रभाव है?
उत्तर –
जनसंचार माध्यमों का आम जीवन पर बहुत प्रभाव है। इनसे सेहत, अध्यात्म, दैनिक जीवन की जरूरतें आदि पूरी होने लगी हैं। ये हमारी जीवन शैली को प्रभावित कर रहे हैं।
प्रश्न 61:
लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों का प्रभाव बताइए।
उत्तर –
लोकतंत्र में जनसंचार माध्यमों ने जीवन को गतिशील व पारदर्शी बनाया है। इनके माध्यम से सूचनाओं व जानकारियों का आदान-प्रदान किया जाता है। इसके माध्यम से विभिन्न मुद्दों पर बहस या विचार-विमर्श होती है, जो सरकार की कार्य शैली पर कुछ हद तक अंकुश लगाने का काम करता है।
प्रश्न 62:
जनसंचार के दुष्प्रभाव बताइए।
उत्तर –
1.            जनसंचार के माध्यम खासतौर पर टी.वी. व सिनेमा ने लोगों को काल्पनिक दुनिया’ की सैर कराई है। फलस्वरूप लोग आम जीवन से दूर हो जाते हैं तथा व्यसनी हो जाते हैं। अत: हम कह सकते हैं कि जनसंचार के माध्यम पलायनवादी प्रवृत्ति को बढ़ावा देते हैं।
2.            ये समाज में अश्लीलता व असामाजिक व्यवहार को बढ़ावा देते हैं।
3.            समाज के कमजोर वर्गों को कम महत्त्व दिया जाता है।
4.            अनावश्यक मुद्दों को उछाला जाता है।
63. संपादकीय-
संपादक तथा संपादक मंडल द्वारा किसी प्रमुख घटना या समस्या पर लिखे गए विचारात्मक लेख को, जिसे संबंधित समाचारपत्र की राय भी कहा जाता है, संपादकीय कहते हैं।
64. संपादकीय में किसी का नाम क्यों नही होता ?
संपादकीय किसी एक व्यक्ति का विचार या राय न होकर समग्र पत्र-समूह की राय होता है, इसलिए संपादकीय में संपादक अथवा लेखक का नाम नहीं लिखा जाता ।
65. पत्रकारिता के प्रमुख प्रकार:
(1)          खोजी पत्रकारिता-
जिसमें आम तौर पर सार्वजनिक महत्त्व के मामलों जैसे, भ्रष्टाचार, अनियमितताओं और गड़बड़ियों की गहराई से छानबीन कर सामने लाने की कोशिश की जाती है। स्टिंग ऑपरेशन खोजी पत्रकारिता का ही एक नया रूप है।
(2)          वॉचडाग पत्रकारिता-
लोकतंत्र में पत्रकारिता और समाचार मीडिया का मुख्य उत्तरदायित्व सरकार के कामकाज पर निगाह रखना है और कोई गड़बड़ी होने पर उसका परदाफ़ाश करना होता है, इसे वॉचडाग पत्रकारिता कहते हैं।
(3)          एडवोकेसी पत्रकारिता-
इसे पक्षधर पत्रकारिता भी कहते हैं। किसी खास मुद्दे या विचारधारा के पक्ष में जनमत बनाने के लिए लगातार अभियान चलाने वाली पत्रकारिता को एडवोकेसी पत्रकारिता कहते हैं।
(4)          पीत पत्रकारिता-
पाठकों को लुभाने के लिए नामी-गरामी लोगों के बारे में झूठी अफ़वाहों, आरोपों-प्रत्यारोपों, प्रेमसंबंधों आदि से संबंधी सनसनीखेज  समाचारों से संबंधित पत्रकारिता को पीत पत्रकारिता कहते हैं।
(5)          पेज थ्री पत्रकारिता-
ऐसी पत्रकारिता जिसमें फ़ैशन, अमीरों की पार्टियों , महफ़िलों और जाने-माने लोगों के निजी जीवन  के बारे में बताया जाता है।
(6)          मुख्यधारा पत्रकारिता-
जिस पत्रकारिता के अंतर्गत समाचार-पत्र सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों का समर्थन करते है, उसे मुख्यधारा की पत्रकारिता कहते हैं ।
(7)          वैकल्पिक पत्रकारिता-
जिस पत्रकारिता के अंतर्गत समाचार-पत्र सरकार द्वारा बनाई गई नीतियों का विरोध करते हुए उनका विकल्प रखते है, उसे वैकल्पिक पत्रकारिता कहते हैं ।
66.पत्रकारिता के विकास में कौन-सा मूल भाव सक्रिय रहता है?
  जिज्ञासा का
67. कोई घटना समाचार कैसे बनती है?
कोई घटना समाचार तब बन जाती है जब उसमें अधिक से अधिक लोगों की  रुचि होती है और उसका प्रभाव अधिक से अधिक लोगों पर पड़ता हो ।
68. संपादकीय पृष्ठ -
संपादकीय पृष्ठ समाचार पत्र का लगभग बीच का पृष्ठ होता है जिसमें संपादकीय के साथ-साथ ऑप-एड दिया जाता है ।
69.ऑप-एड -
ऑप-एड संपादकीय पृष्ठ पर संपादकीय के अलावा छपी हुई अन्य पठनीय सामग्री को कहते हैं।
70. जनसंचार का सबसे पुराना माध्यम कौन-सा है?
समाचार-पत्र
71. मुद्रण का प्रारंभ सबसे पहले किस देश में हुआ ?
जर्मनी
72. आधुनिक छापाखाने का आविष्कार कहाँ, कब और किसने किया?
जर्मनी,1440, जोहनीस गुटेनबर्ग
 73. भारत मे पहला छापाखाना कब, कहाँ, किसने और किस उद्देश्य से खोला था?
1556,गोआ,जोआओ न्यूनीज़ बर्रेटो, ईसाई धर्म का ज्ञान देने के लिए
74. रेडियो किस प्रकार का माध्यम है?
ध्वनि (श्रव्य)माध्यम
75. रेडियो के समाचार किस शैली में लिखे जाते हैं?
उल्टा पिरामिड शैली
76. समाचार-लेखन की सर्वाधिक लोकप्रिय शैली कौन-सी है?
उल्टा पिरामिड शैली
77. उल्टा पिरामिड शैली से आप क्या समझते हैं ?
उल्टा पिरामिड शैली समाचार लेखन की सबसे अधिक लोकप्रिय शैली है जिसके अंतर्गत समाचारों को घटते महत्वक्रम में लिखा जाता है ।इसके तीन भाग होते हैं -
इंट्रो
बॉडी
समापन
‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌‌78. इंट्रो-
उल्टा पिरामिड शैली के अंतर्गत समाचारों का आरंभ इंट्रो कहलाता है । इसके अंतर्गत सबसे महत्वपूर्ण खबर को लिखा जाता है ।
79. टेलीविजन, प्रिंट तथा रेडियो से किस प्रकार भिन्न है ?
टेलीविजन- दृश्य व श्रव्य माध्यम
प्रिंट- दृश्य माध्यम
रेडियो-श्रव्य माध्यम
80. नेट साउंड-
किसी कार्यक्रम की रिकॉर्डिंग के समय आस-पास की जो आवाज़ें अपने आप रिकॉर्ड हो जाती हैं, उन्हें नेट साउंड कहते हैं ।
81. इंटरनेट प्रयोक्ताओं (users) की लगातार वृद्धि के क्या कारण हैं?
•          रेलवे या बस की टिकट बुकिंग
•          परीक्षा के फ़ॉर्म भरना
•          सर्च इंजन द्वारा जानकारियाँ हासिल करना
•          ई-कॉमर्स व ऑन लाइन पर्चेज़
82.इंटरनेट पत्रकारिता से आप क्या समझते हैं?
इंटरनेट पर समाचारों का प्रकाशन या आदान-प्रदान इंटरनेट पत्रकारिता कहलाता है।
83. इंटरनेट पत्रकारिता के विकासक्रम को लिखिए ।
   विश्व-स्तर पर इंटरनेट पत्रकारिता का विकास निम्नलिखित चरणों में हुआ-
•          प्रथम चरण------- 1982 से 1992
•          द्वितीय चरण------- 1993 से 2001
•          तृतीय चरण------- 2002 से अब तक
84. भारत में इंटरनेट पत्रकारिता का प्रारंभ कब से माना जाता है?
पहला चरण- 1993 से
दूसरा चरण  2003 से शुरू
85. भारत में सच्चे अर्थों में इंटरनेट पत्रकारिता करने वाली साइटों के नाम लिखिए ।
•          रीडिफ़ डॉट कॉम
•          इंडिया इफ़ोलाइन
•          सीफ़ी
86. इंटरनेट पर पत्रकारिता करने वाली भारत की पहली साइट कौन-सी है ?
    रीडिफ़ डॉट कॉम
87.भारत में वेबसाइट पर विशुद्ध पत्रकारिता करने का श्रेय किस साइट को जाता है?
   तहलका डॉटकॉम
88.उस अखबार का नाम लिखिए जो केवल नेट पर ही उपलब्ध है?
  प्रभा साक्षी
89. हिंदी में नेट पत्रकारिता किस समाचार-पत्र के साथ शुरू हुई ?
वेब दुनिया
90. हिन्दी की सर्वश्रेष्ठ साइट कौन-सी है?
बीबीसी (ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कोर्पोरेशन)
91.  नेट पर हिन्दी की कौन-कौन सी साहित्यिक पत्रिकाएँ उपलब्ध हैं?
•          अनुभूति
•          अभिव्यक्ति
•          हिन्दी नेस्ट
•          सराय
92. हिन्दी वेब पत्रकारिता की समस्याएँ बताइए ।
•          हिन्दी वेब जगत की सबसे बडी़ समस्या मानक की बोर्ड तथा फ़ॉंट  की है
•          डायनमिक फ़ॉंट के अभाव के कारण हिन्दी की ज्यादातर साइटें खुलती ही नहीं हैं ।
93. पत्रकारीय लेखन किसे कहते हैं?
समाचार माध्यमों में काम करने वाले  पत्रकार अपने पाठकों तथा श्रोताओं तक सूचनाएँ पहुँचाने के लिए जिस लेखन का इस्तेमाल करते हैं, उसे पत्रकारीय लेखन कहते हैं।
94. पत्रकारीय लेखन के उद्देश्य लिखिए।
•          सूचना देना
•          शिक्षित करना
•          मनोरंजन करना
•          विचार मंच तैयार करना
95. पत्रकारीय लेखन के प्रकार-
•          सम्पादकीय
•          समाचार
•          आलेख, रिपोर्ट
•          फ़ीचर
•          स्तम्भ
•          कार्टून
96. पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं?
•          पूर्ण कालिक- किसी समाचार-पत्र या समाचार एजेंसी से मासिक वेतन प्राप्त करने वाले पत्रकार
•          अंशकालिक- किसी विशेष रिपोर्ट को तैयार करने के लिए एक निश्चित समय-सीमा के लिए कार्य करने वाले पत्रकार । इन्हें इनके कार्य के एवज़ में मानदेय प्राप्त होता है ।
•          फ़्रीलांसर या स्वतंत्र पत्रकार- अपनी रिपोर्ट या समाचार को स्वतंत्र रूप से तैयार कर उसे अपने लाभ को ध्यान में रखते हुए किसी भी समाचार-पत्र या समाचार एजेंसी में देकर उसके एवज़ में धन-राशि प्राप्त करने वाले पत्रकार । 
97.उल्टा पिरामिड शैली का विकास कब हुआ?
अमेरिका में गृह युद्ध के दौरान
98. समाचार-लेखन के छ: ककार लिखिए ।
•          क्या?
•          कौन?
•          कहाँ?
•          कब?
•          क्यों?
•          कैसे?
99. फ़ीचर किसे कहते हैं?
फ़ीचर एक सुव्यवस्थित, सृजनात्मक और आत्मनिष्ठ लेखन है ।
100.फ़ीचर लेखन का उद्देश्य-
•          पाठकों को सूचना देना
•          शिक्षित करना
•          मनोरंजन करना
101. फ़ीचर व समाचार में क्या अंतर है?
•          समाचार में रिपोर्टर को अपने विचारों को डालने की स्वतंत्रता नहीं होती, जबकि फ़ीचर में लेखक को अपनी राय , दृष्टिकोण और भावनाओं को ज़ाहिर करने का अवसर होता  है ।
•          समाचार उल्टा पिरामिड शैली में लिखे जाते हैं, जबकि फ़ीचर लेखन की कोई सुनिश्चित शैली नहीं होती ।
•          फ़ीचर में समाचारों की तरह शब्दों की सीमा नहीं होती। आमतौर पर फ़ीचर, समाचार से बड़े होते हैं ।
102. विशेष रिपोर्ट-
सामान्य समाचारों से अलग वे विशेष समाचार जो गहरी छान-बीन, विश्लेषण और व्याख्या के आधार पर प्रकाशित किये जाते हैं, विशेष रिपोर्ट कहलाते हैं ।
103.विशेष रिपोर्ट के प्रकार:
(1) खोजी रिपोर्ट : इसमें अनुपलब्ध तथ्यों को गहरी छान-बीन कर उन्हें सार्वजनिक किया जाता है।
(2) इन्डेप्थ रिपोर्ट:  सार्वजनिक रूप से प्राप्त तथ्यों की गहरी छान-बीन कर उसके महत्वपूर्ण पक्षों को पाठकों के सामने लाया जाता है ।
(3) विश्लेषणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या का विश्लेषण किया जाता है ।
(4) विवरणात्मक रिपोर्ट : इसमें किसी घटना या समस्या को विस्तार के साथ प्रस्तुत किया जाता है।
 104.विचारपरक लेखन-
समाचार-पत्रों में समाचार एवं फ़ीचर के अतिरिक्त संपादकीय, आलेख, पत्र, टिप्पणी, वरिष्ठ पत्रकारों व विशेषज्ञों के स्तम्भ छपते हैं । ये सभी विचारपरक लेखन के अन्तर्गत आते हैं ।
105. स्तम्भ  लेखन-
यह एक प्रकार का विचारत्मक लेखन है । कुछ महत्त्वपूर्ण लेखक अपने खास वैचारिक रुझान एवं लेखन शैली के लिए जाने जाते हैं । ऐसे लेखकों की लोकप्रियता को देखकर समाचारपत्र उन्हें अपने पत्र में नियमित स्तम्भ - लेखन की ज़िम्मेदारी देते हैं ।
106.संपादक के नाम पत्र-
समाचार पत्रों में  संपादकीय पृष्ठ पर तथा पत्रिकाओं की शुरुआत में संपादक के नाम आए पत्र प्रकाशित किए जाते हैं । यह प्रत्येक समाचारपत्र का नियमित स्तम्भ होता है । इसके माध्यम से समाचार-पत्र अपने पाठकों को जनसमस्याओं तथा मुद्दों पर अपने विचार एवम  राय व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है ।
107.साक्षात्कार/इंटरव्यू-
किसी पत्रकार के द्वारा अपने समाचारपत्र में प्रकाशित करने के लिए, किसी व्यक्ति विशेष से उसके विषय में अथवा किसी विषय या मुद्दे पर किया गया प्रश्नोत्तरात्मक संवाद  साक्षात्कार कहलाता है ।
108. डेस्क-
समाचारपत्र, पत्रिकाओं , टीवी और रेडियो चैनलों में अलग-अलग विषयों पर विशेष लेखन के लिए निर्धारित  स्थल को डेस्क कहते हैं।
109. बीट-
विभिन्न विषयों से जुड़े  समाचारों के लिए संवाददाताओं के बीच जब काम का विभाजन आम तौर पर उनकी दिलचस्पी और ज्ञान को ध्यान में रख कर किया जाता है,तब उसे बीट कहते हैं ।
110.विशेष रिपोर्ट के क्षेत्र-
•          राजनीतिक
•          आर्थिक
•          अपराध
•          खेल
•          फ़िल्म
•          कृषि
•          कानून
•          विज्ञान
111.फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज-
टेलीविज़न के स्क्रीन पर नीचे चलने वाली पट्टी जिसमें ताज़ा-तरीन घटनाएँ दिखाई जाती हैं, फ़्लैश या ब्रेकिंग न्यूज़ कहलाती हैं ।
112.एंकर-
टेलीविज़न पर जो रिपोर्टर समाचार प्रस्तुत करता है, वह एंकर कहलाता है ।
113. लाइव-
टेलीविज़न पर जब किसी कार्यक्रम का सीधा प्रसारण किया जाता है, तब वह लाइव कहलाता है ।
114.फ़ोन इन-
जब किसी घटना की सूचना घटनास्थल पर मौजूद रिपोर्टर एंकर को फ़ोन द्वारा देता है, तब यह फ़ोन-इन कहलाता है ।
115.एंकर-विजुअल-
जब घटना-स्थल से रिपोर्टर द्वारा भेजी गई घटना से संबंधित कोई फ़ोटो या वीडियो एंकर टेलीविज़न पर समाचारों में दिखाता है, तब यह एंकर विज़ुअल कहलाता है ।
116.एंकर-बाइट-
बाइट शब्द का अर्थ है- कही गई बात । जब घटना स्थल पर मौजूद रिपोर्टर घटना के समय मौजूद किसी व्यक्ति से पूछताछ कर उसके द्वारा कही गई बात को एंकर के पास भेजता है और एंकर उसे समाचारों के साथ दिखाता है, तब यह एंकर बाइट कहलाता है ।
117.एंकर-पैकेज- जब एंकर द्वारा टेलीविज़न पर प्रस्तुत किए गए समाचारों में, ब्रेकिंग न्यूज़, फ़ोन-इन,एंकर बाइट व एंकर विज़ुअल होता है, जब यह एंकर पैकेज कहलाता है ।
118.ड्राई-एंकर- जब एंकर द्वारा टेलीविज़न पर प्रस्तुत किए गए समाचारों में, ब्रेकिंग न्यूज़, फ़ोन-इन,एंकर बाइट व एंकर विज़ुअल नहीं होता है, जब यह ड्राई एंकर कहलाता है ।
119. ऑल इंडिया रेडियो की स्थापना कब हुई ?
स्थापना-1930
1936 में इसका नाम ऑल इंडिया रेडियो रखा गया ।
1957 में यह आकाशवाणी के नाम से जाना जाने लगा।
120.ऑडियंस-
किसी कार्यक्रम को देखने या सुनने वाले लोग ।
121.कैप्टिव ऑडियंस-
किसी कार्यक्रम को नियमित रूप से देखने या सुनने वाले लोग ।
122.टार्गेट ऑडियंस-
जिन ऑडियंस को ध्यान में रखकर किसी कार्यक्रम को बनाया जाता है ।
123.अपडेटिंग-
किसी वेबसाइट में नई-नई जानकारियाँ जोड़ना ।
124.न्यूज़ पेग-
ऐसा महत्वपूर्ण समाचार जो किसी संपादकीय, आलेख, फ़ीचर आदि को लिखने का आधार बनता है । न्यूज़ पेग को संपादकीय, आलेख, फ़ीचर आदि लिखते हुए उद्धृत किया जाता है ।
125.एफ़0एम0 व ए0एम0-
 एफ़0एम0-
फ़्रीक्वेंसी मॉड्यूलर
कम क्षेत्र में प्रसारण
अच्छी गुणवत्ता
ए0एम0-
एम्प्लीट्यूड मॉड्यूलर
बड़े क्षेत्र में प्रसारण
गुणवत्ता में कम
126 लोकतंत्र के चार स्तंभ बताइए ।
विधायिका
कार्यपालिका
न्यायपालिका
मीडिया
127. मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ क्यों कहा जाता है ?
मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ इसलिए कहा जाता है –
•          मीडिया का कार्य है संचार प्रेषण अर्थात सूचनाओं को लोगों तक पहुँचाना।
•          लोक चेतना अर्थात लोगों में किसी मुद्दे को लेकर जागृति लाना ।
•          वॉचडॉग पत्रकारिता करने के कारण सरकार के काम-काज पर नज़र रखने का कार्य मीडिया करता है ।

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